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प्यारे दोस्तो, मेरा नाम मारिया है और मैं आप को इस बारे में बताना चाहती हूँ कि मैं 2014 से 2018 तक दर्शन सिंह बग्गा के साथ, जो उस समय गुरनीत कौर गांधी से शादी-शुदा था, एक जहरीले और अपमानजनक रिश्ते में कैसे रही और यह भी आप से साझा करूँगी कि दर्शन की बहनें और उसकी माता खुशवंत कौर बग्गा हमारे संबंध का किस प्रकार समर्थन कर रही थीं। यहाँ मैं यह भी बताऊँगी कि बग्गा परिवार ने मुझे कैसे फेंक दिया जो बिलकुल वैसे ही किया गया जैसे उन्होंने गुरनीत के साथ किया था।
मेरी दर्शन के साथ मुलाक़ात 2014 में मुंबई में हुई थी, उस समय उसकी पत्नी थी। हमारी पहली मुलाक़ात के दौरान, वह अपनी पत्नी के साथ अपने दुख से भरे जीवन के बारे में शिकायत करता रहा, उसने कहा कि उसकी पत्नी के इतनी बुरी होने के कारण ही वह एक “ख़ास दोस्त“ के साथ समय बिताता है (जिसका मतलब है कि वह सेक्स करने के लिए एक भारतीय महिला से समय समय पर मिलता था)। मेरे इस सवाल पर कि वह अपनी पत्नी की बेवफ़ाई करने की बजाए सब कुछ तय करने के लिए उस से बात क्यों न करे, उसने कहा कि वह अपनी पत्नी से प्यार कभी नहीं करता था और इस लड़की से विवाह करने की एक ही वजह थी कि वह एक अमीर परिवार से है।

मुंबई में हमारी मुलाक़ात के बाद, दर्शन मेरा पीछा करता रहा, वह मुझ से मिलने गोवा आया, एक महीना बाद कंबोडिया में, जहाँ मैं काम करती थी, मुझे देखने आया, फिर मेरे साथ वियतनाम गया। वह मुझे हर दिन फ़ोन करता रहा और मुझे यह बताता रहा कि वह प्यार में पड़ गया है और केवल मेरे साथ ही रहना चाहता है। इसके अलावा वह मुझे नई कहानियाँ सुनाता जाता था कि उसकी पत्नी कितनी क्रूर है और कि मैं उसके लिए एक खंभे जैसी हूँ जो जीवन के सभी बुरे क्षणों में उसके साथ रहता है।
अक्टूबर 2015 में, जब हम हांगकांग में थे, दर्शन ने कहा कि मैं वही औरत हूँ जिस के साथ वह अपनी ज़िंदगी बिताना चाहता है और कि वह मुझसे शादी करना चाहता है। मैं बहुत ख़ुश थी और उसे ख़ुश रखने के लिए अपनी पूरी कोशिश करती थी। यह तो आसान नहीं था क्योंकि उसका मनोभाव बड़ी जल्दी से बदलता जाता था, और विभिन्न प्रकार की माँगें सामने आती जाती थीं। उदाहरण के लिए, जब भी हम वीडियो कॉल पर बात करते थे, तो वह मेरे नंगे शरीर को देखना चाहता था। जब उसने पहली बार यह मांग की, तो मैं चौंक गई और शर्मिंदा हो गई, लेकिन उसने कहा कि अगर मैं ऐसा न करूँ तो वह मेरी भी बेवफ़ाई करेगा जैसे कि उसने अपनी पत्नी से किया था (उसने कहा कि उसकी पत्नी उसकी सभी सेक्स इच्छाओं को पूरा करना नहीं चाहती, यही कारण है कि वह उस की बेवफ़ाई करता था)। मुझे डर लगा कि वह किसी नई लड़की को ढूँढ़े, इसलिए मैं नहाते समय और बिस्तर पर लेटे समय भी कैमरे को स्विच-अन करती थी ताकि वह मेरे नंगे शरीर को देख सके। वह तो मुझे देखते देखते अपना “हंडजोब” कर रहा था यानी लैंगिक आनंद ले रहा था। इसके अलावा उसने मुझे मजबूर करता था कि मैं उसको हस्तमैथुन करते हुए देखूँ और कैमरे पर अपने हस्तमैथुन करने के साथ वीडियो मुझे भेजता था।

2016 में कैमरे पर मुझे नंगी दिखने की उसकी सेक्स इच्छाओं में वृद्धि हुई, और जब भी मैं कपड़े उतारने से इंकार करती थी तभी वह कहता था कि वह मुझे छोड़ जाएगा क्योंकि मैं उसकी पत्नी जैसे उसकी सेक्स इच्छाओं को पूरा नहीं करती। मैं उसे खोने से डरती थी, सो जो कुछ भी वह चाहता था, उसे करने से मैं राज़ी थी। जैसे वह चाहता था, हम अपने रिश्ते को छिपा रखते थे। अगर मैं कहती थी कि मुझे कुछ नापसंद है, तो दर्शन बहुत क्रोधित हो जाता था और फिर से मुझे छोड़ने के लिए ब्लैकमेल करता था। मैं ख़ुद को उसके मनोभाव के लिए समायोजित करती थी, पर एकमात्र चीज़ जो उसका मनोभाव सुधारती थी मेरा नंगा शरीर ही था। उस समय मेरी समझ में नहीं आता था कि वह मेरी भावनाओं से हेरफेर करता है, इसके साथ साथ मैं नहीं समझती थी कि मैं भावनात्मक और सेक्स दुर्व्यवहार की शिकार थी। उस समय मैं उससे इतना प्यार करती थी कि अपने को यक़ीन दिलाती थी कि मेरे प्रति उसका व्यवहार उसके परिवार में ख़राब स्थिति का परिणाम है।
दर्शन मुझे बार-बार बताता था कि उसके इरादे अत्यंत गंभीर हैं और कि वह मुझसे शादी करना चाहता है। मुझे अच्छा नहीं लगता कि मुझ से शादी करने के वादे देते हुए वह अभी तक गुरनीत से विवाहित रहा था। मैं ने यह साबित करने के लिए कि उसके इरादे वास्तव में गंभीर थे, इस से माँग की कि वह अपने परिवार से मेरा परिचय दे। उसने सोनिया से मेरा परिचय कराया।

2016 के अंत में, दर्शन ने कहा कि उसके तलाक से संबंधित काम धीरे-धीरे चल रहा है, फिर भी हम शादी तो करने वाले हैं इसलिए हम ठाणे में, जहाँ उसका कार्यालय है, एक साथ रहना शुरू कर सकते हैं। उसने यह भी कहा कि उसकी माता और बहनें उसके इस निर्णय में उसका पूरा समर्थन करती हैं कि मैं उसके साथ रहने 3 महीने के लिए ठाणे आऊँ। उसकी माता खुशवंत कौर और बहनें हर हफ़्ते हमारे घर आती थीं। साथ ही मैंने दर्शन के तलाक से संबंधित दस्तावेज़ों को पढ़ा और समझ गई कि उसके द्वारा बताई गई कहानियाँ वास्तविकता से बहुत अलग थीं, और कि उसकी पत्नी क्रूर औरत बिल्कुल नहीं थी, वह तो दर्शन की भावनाओं की शिकार थी।
जब मेरा वीज़ा खत्म हो गया तो मैं कज़ाकिस्तान में वापस आई, पर मेरा मनोभाव बहुत संदिग्ध था। यह 2017 की शुरुआत थी। मैंने दर्शन से कहा कि मैं उसके साथ रहने के लिए भारत वापस आने वाली नहीं हूँ क्योंकि मैं अपने को बहुत असुरक्षित महसूस करती हूँ कि पत्नी के साथ उस के रिश्तों की असली कहानी मुझे बताई गई कथा से बिल्कुल अलग है। दर्शन मुझे छोड़ना नहीं चाहता था और कज़ाकिस्तान आया। उसने मेरे माता-पिता से मुलाक़ात की और उनसे कहा कि वह मुझसे शादी करने वाला है। मेरा मानना था कि वह अपनी पत्नी की तुलना में मेरे साथ अलग-अलग अभिनय करेगा, और कि वह मुझसे प्यार करता है और हमारा एक साथ उज्ज्वल भविष्य होगा।
मेरे माता-पिता से मिलने के 4 महीने बाद उसने अप्रत्याशित रूप से तलाक ले लिया। मैं सबसे ख़ुश लड़की हो गई। मैंने पूछा कि हम दोनों अपनी0 योजनाओं को पूरा करना कब शुरू करेंगे, पर यह सुनकर आश्चर्यचकित हुई कि आगे बढ़ने से पहले वह कुछ महीने के लिए अपनी आज़ादी का आनंद लेना चाहता है। फिर भी मैं सहमत हो गई।
अक्टूबर 2017 में, हमने पारस्परिक रूप से निर्णय लिया कि मैं भारत चली जाऊंगी, हम उसकी माता के साथ अंधेरी में रहेंगे और हमारी सगाई की योजना बनाएँगे। मेरे माता-पिता इससे ख़ुश नहीं थे कि मैं बिना किसी प्रतिबद्धता और सामाजिक स्थिति के वहाँ रहूँगी, लेकिन उसने उन पर अच्छा प्रभाव डाला, इसलिए उन्होंने सोचा कि सब कुछ ठीक होगा। मैं दिसंबर 2017 में मुंबई आई और अप्रैल 2018 तक वहाँ रही। मैं इन सभी महीनों के दौरान काम कर रही थी (मैं एक अंतरराष्ट्रीय संगठन में परियोजना विकास निदेशक हूँ, मैंने अपने मालिक से कहा कि मेरी सगाई होने वाली है इसलिए वे मुझे भारत से ही काम करने से सहमत हो गए)। मैं दर्शन या उसके परिवार से कोई भी वित्तीय सहायता नहीं माँगती थी। मेरे मुंबई पहुँचने पर दर्शन ने मुझ से कहा कि हम उसकी माता के साथ नहीं रहेंगे, क्योंकि वह अकेले रहने का आदी है, इसके अलावा वह माता से रहना नहीं चाहता (बाद में मुझे पता चला कि वह अपनी माता के यहाँ हमारे रहने के प्रोग्राम के बारे में भी झूठ बोला था। बात यह है कि उसकी माता राज़ी थी कि हम एक साथ ठाणे में रहें पर वह नहीं चाहती कि उसके आसपास रहने वाले लोग जानें कि हम आधिकारिक विवाह के बिना पति और पत्नी के रूप में एक साथ रहते हैं। दर्शन ने कबूल किया कि वह मुझसे इस बारे में झूठ बोला था कि हम उसकी माता के साथ रहेंगे, क्योंकि वह नहीं चाहता था कि मैं अपना मन बदलूँ और उसके साथ रहने न आऊँ)।

दिसंबर से अप्रैल तक, हम साथ रहते थे, मैं दर्शन की देखभाल करती थी और घर संभालती थी, सप्ताहांत हम उसकी माता के घर में बिताते थे जहाँ मैं उसकी माता का भी ख़्याल रखती थी यानी मैं उसके बिस्तर को साफ़ करती थी, बर्तन धोती थी, खाना पकाती थी वग़ैरह। मुझे ऐसा करते हुए ख़ुशी आती थी क्योंकि मैं सोचती थी कि मैं बग्गा परिवार का हिस्सा हूँ। सब कुछ अच्छा था, पर दर्शन ने मुझे हमारी संयुक्त तस्वीरों को पोस्ट करने और साझा करने के लिए निषिद्ध किया, उसने कहा कि वही फ़ैसला करेगा कि लोगों को हमारे बारे में कब बताया जाए, वह मुझे ज़्यादा लोगों से परिचय देना नहीं चाहता था। इस बात से तो मुझे चिंता लग रही थी। उसके तलाक का इंतजार करते हुए 3 साल गुज़रने के बाद मैं सोचती थी कि वह हर किसी को यह दिखाकर बहुत ख़ुश होगा कि वह मेरे साथ है जो उसके सभी बुरे क्षणों में उसका समर्थन करती रहती थी।

अप्रैल 2018 में, मैं हमारे भविष्य के बारे में फिर से बात करने लगी। दर्शन ने कहा कि जुलाई 2018 में हमारी सगाई होगी और अक्टूबर 2018 में हम शादी करेंगे। भारत से जाने से एक दिन पहले, हम उसकी माता के घर आए, और मैं उसको हमारी होने वाली सगाई के बारे में बताने को थी पर दर्शन ने अशिष्टता से मेरी बात कट दी और कहा कि उसका अपनी माता से रिश्ता तो बहुत क़रीब नहीं था यों वह समय आने से पहले उसको कुछ भी बताने वाला नहीं है और मुझे भी कुछ न कुछ बताने नहीं दिया। मैं परेशान होकर रोने लगी, उसकी माता मेरे पास आकर बोली कि वह अपने बेटे का समर्थन करती है चाहे जो भी वह क्यों न करे। मैं भारत से चली गई। और दर्शन बहुत कठोर और अशिष्ट हो गया, उसके परिवार ने मेरे साथ सारा रिश्ता तोड़ दिया। मैं बहुत हैरान थी, मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है। मैंने दर्शन से बात की और उसने कहा कि सारे समय वह मुझ से झूठ बोलता रहता था और वह शादी करने वाला नहीं था, वह तो बस मुझ से अच्छा समय गुज़ारता था, ख़ास तौर पर जब उसका तलाक हो रहा था। उसकी माता और बहनों को तो पता था कि वह मेरे साथ बस खेल रहा है और शादी नहीं करेगा, लेकिन वे उसी तरह उसका समर्थन करती थीं जिस तरह उन्होंने उसको अपनी पत्नी गुरनीत को घर से बाहर निकालने में मदद दी थी। इसके अलावा उसकी बहन ने मुझे एक सप्ताह रोने की सलाह दी, उसने कहा कि इसके बाद मैं इस स्थिति को स्वीकार करूँगी और मेरा मिजाज़ बेहतर होजाएगा, और दर्शन को किसी और लड़की से मिलने का मौक़ा मिलेगा।
मैं अभी 34 साल की हूँ, विवाहित नहीं हूँ, मेरे बच्चे नहीं हैं। मेरी इच्छा थी कि मेरा परिवार हो। और दर्शन बग्गा यह अच्छी तरह जानता था, पर मुझे झूठे वादे देता रहा। उसने मेरी ज़िंदगी के 4 साल चुराए और मुझे छोड़ दिया, मेरा सिर्फ़ टूटा दिल रहा। अब तो मेरे पास कुछ भी नहीं रहा क्योंकि दर्शन सिंह बग्गा अपनी माता के समर्थन से मेरे दिल से खेल रहा था। दर्शन और उसकी माता के लिए यह बहुत आरामदायक था कि मैं बिना किसी भी प्रतिबद्धता के लिए पूछे और हर बात पर भरोसा करते हुए उनकी देखभाल करूँ। जब दर्शन के पिता ज़िन्दा थे तो वे उसे सिखाते थे कि उचित व्यवहार क्या होता है, महिला का आदर कैसे किया जाता है, पत्नी की परवाह कैसे की जाती है। दुर्भाग्य से वे चले गए थे, और दर्शन की माता बहुत ख़ुश है कि उसका छोटा बेटा उसके पास ही है और कोई भी उनके रिश्तों में हस्तक्षेप नहीं करता। यही कारण है कि उसने मुझे अपने जीवन से इतनी आसानी से मिटा दिया और एक ही पल में भूली कि मैं उसके बारे में कितना बड़ा ख्याल रखती थी। यह परिवार कब तक लड़कियों का उपयोग करता रहेगा और यातनाएँ देता रहेगा? उन लोगों को कौन रोक पाएगा? मैंने कभी पहले इतने पाखंडपूर्ण और व्यंग्यपूर्ण परिवार से मुलाक़ात नहीं की जो दिन में 3 बार मंदिर जाया करे और इसी समय दूसरों के प्रति इतना घृणित व्यवहार किया करे।
मारिया